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Chapter 15 - प्रहेलिकाः

S.No.-QUESTIONS
ANSWERS
1---------------------------- ।
---------------------------------- coming soon----------------------।
2--------------------------- ।
---------------------------------- coming soon----------------------।
3-------------------------------- ।
---------------------------------- coming soon----------------------।
4-------------------------------- ।
---------------------------------- coming soon----------------------।
5---------------------------------- ।
---------------------------------- coming soon----------------------।
Page No-112 :-1: श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत–-
स (क) सीमन्तिषु का शान्ता राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः
(ख) कं सञ्जघान क्रुष्णः का शीतलवाहिनी गङ्गा?
(ग) के दारपोषणरताः कं बलवन्तं न बाधते शीतम्।
(घ) वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।
Page No112 :-2:श्लोकांशान् योजयत–-
किं कुर्यात् कातरो युद्धे   ---   मृगात् सिंहः पलायते।
विद्वद्भिः का सदा वन्धा   ---   अत्रैवोक्तं न बुध्यते।
कं सञ्जानः कृष्णः   ---   का शीतलवाहिनी गङ्गा।
कथं विष्णुपदं प्रोक्तं   ---   तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।
Page No 112:-3:उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्षं न इति लिखत–-
यथा- सिंहः करिणां कुलं हन्ति।---आम्
क- कातरो युद्धे युद्ध्यते। -----न
ख-कस्तूरी मृगात् जायते। -----आम्
ग-मृगात् सिंहः पलायते। ---न
घ-कंसः जघान कृष्णाम्। ---न
ड.-तक््रं शक्रस्य दुर्लभम्ं। ---न
च-जयन्तः कृष्णस्य पुत्रः। ---आम्
Page No 112:-4:सन्धिविच्छेदं पूरयत–-
(क) करिणां कुलम्    =    करिणाम्    +    कुलम्
(ख) कोऽभूत्    =    कः    +    अभूत्
(ग) अत्रैवोक्तम्    =    अत्र    +    एव    +    उक्तम्
(घ) वृक्षाग्रवासी    =    वृक्ष    +    अग्रवासी
(ङ) त्वग्वस्त्रधारी    =    त्वक्    +    वस्त्रधारी
(च) बिभ्रन्न    =    बिभ्रत्    +    न
Page No 112:-5:अधोलिखितानां पदानां लिङ्गं विभक्तिं वचनञ्च लिखत–-
पदानि------------------- लिङ्गम् -------------------विभक्तिः -------------------वचनम्
कस्तूरी -------------------स्त्रीलिङ्गम्------------------ प्रथमा------------------- एकवचनम्
युद्धे----------------------- पुंलिङ्गम्-------------------- सप्तमी -------------------एकवचनम्
सीमन्तिनीषु --------------स्त्रीलिङ्गम्---------------- सप्तमी------------------- बहुवचनम्
बलवन्तम्----------------- क्लीवलिङ्गम्-------------- द्वितीया----------------- एकवचनम्
शूलपाणिः----------------- पुंलिङ्गम् -------------------प्रथमा------------------- एकवचनम्
शक्रस्य------------------- पुंलिङ्गम्------------------- षष्ठी--------------------- एकवचनम्
Page No 112:-6:(अ) विलोमपदानि योजयत–-
जायते------ म्रियते
वीरः------ कातरः
अशान्ता -----शान्ता
मूर्खैः -----विद्वद्भिः
अत्रैव---- तत्रैव
आगच्छति---- पलायते
Page No 112:-6: (आ) समानार्थकापदं चित्वा लिखत–-
(क) करिणाम् गजानाम्। (अश्वानाम्/गजानाम्/गर्दभानाम्)
(ख) अभूत् अभवत्। (अचलत्/अहसत्/अभवत्)
(ग) वन्द्या वन्दनीया। (वन्दनीया/स्मरणीया/कर्तनीया)
(घ) बुध्यते अवगम्यते। (लिख्यते/अवगम्यते/पठ्यते)
(ङ) घटः कुम्भः। (तडागः/नलः/कुम्भः)
(च) सञ्जधान अमारयत् । (अमारयत्/अखादत्/अपिबत्)
Page No 112:-7: कोष्ठकान्तर्गतानांं पदानामुपयुक्तविभक्तिप्रयोगेन अनुच्छेदं पूरयत––-
एकः काकः आकाशे डयमानः आसीत्। तृषार्तः सः जलस्य आन्वेषणं करोति। तदा सः घटे अल्पं जलं पश्यति। सः उपलम् आनीय घटे पातयति। जलं घटस्य उपरि आगच्छति। काकः सानन्दं जलं पीत्वा तृप्यति।